Friday, March 14, 2014

शनि की मार-बचाव का तरीका :


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शनि के उपाय- सर्वप्रथम भैरवजी के मंदिर जाकर उनसे अपने पापों की क्षमा माँगे।
जुआ, सट्टा, शराब, वैश्या से संपर्क, धर्म की बुराई, पिता-पूर्वजों का अपमान और ब्याज आदि कार्यों से दूर रहें।
शरीर के सभी छिद्रों को प्रतिदिन अच्छे से साफ रखें।
दाँत, बाल और नाखूनों की सफाई रखें।

कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएँ।
छायादान करें, अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसो का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में रख आएँ।
अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
रात को सिरहाने पानी रखें और उसे सुबह कीकर, आँक या खजूर के वृक्ष पर चढ़ा आएँ।

धन-सम्पत्ति और सुख-समृद्धि के लिए 11 आसान उपाय


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अगर आप धन-सम्पत्ति, सुख समृद्धि और जीवन में कामयाबी चाहते हैं तो इन आसान उपायों को अपनाएं.

1. अगर घर में बहुत कमाई के बाद भी पैसा नहीं टिक रहा हो तो हर शनिवार काले कुत्ते को सरसों तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं. घर में पैसे की कोई कमी नहीं रहेगी.

2॰ अगर किसी जरूरी काम में कामयाबी चाहते हैं तो एक नींबू के ऊपर 4 लौंग गाड़ दें और ॐ श्री हनुमते नम: मंत्र का 21 बार जाप कर उस नींबू को अपने साथ ले कर जाएं. आपका काम बन जाएगा.

3॰ अगर नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल रहा है. आपके बॉस आपसे खुश नहीं हैं तो हर रोज चिड़ियों के सामने 7 तरह का अनाज डालें. इसे आप पार्क या छत पर चिड़ियों को खाने के लिए डाल सकते हैं.

4॰ अगर कोई काम कई दिनों से रुका पड़ा है, नहीं हो रहा है तो गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की लौंग और सुपारी से पूजा करिए. जब कभी भी काम पर जाना हो, एक लौंग और सुपारी अपने पास रख लिया करें. काम के समय लौंग को अपने मुंह में रख लें और उसे चूसें. इस दौरान 'जय गणेश काटो कलेश' का जाप करते रहें. घर आने पर सुपारी को वापस गणेशजी के फोटो के सामने रख दें. एक बात ध्यान रखें कि फोटो में गणेश जी सूंड़ दायीं ओर मुड़ी हुई होनी चाहिए.

5॰ अगर आपके ऊपर कोई कर्ज है और आप उसे वापस करने में असमर्थ हों तो मंगलवार को शिव मन्दिर में शिवलिंग पर मसूर की दाल चढ़ाते हुए ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय नम: मंत्र का जाप करें.

6॰ अगर घर में खर्च कम होने का नाम नहीं ले रहा हो तो हाथ में काला तिल लेकर इसे घर के सभी लोगों के सिर के ऊपर उसार कर उसे घर के उत्तर दिशा में फेंक दीजिए.

7॰ घर में सुख-समृद्धि के लिए पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मोली बांधकर उसके ऊपर जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दीजिए.

8॰ अगर आप घर से अनिष्ट को दूर करना चाहते है, धन का लाभ चाहते हैं तो कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती कीजिए.

9॰ धन लाभ का एक टोटका यह है कि आप घर में लक्ष्मी मां के फोटो के सामने नौ बत्तियों वाले घी का दीपक जलाए.

10. धन लाभ और सुख-समृद्धि के लिए लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी और दूध मिला कर पीपल के पेड़ की जड़ में डालिए.

11॰ अगर आप किसी काम के लिए बाहर जा रहे हो तो दिन के हिसाब से इन टोटकों को अपनाएं. आपका काम बन जाएगा.
* रविवार को घर से निकलने से पहले पान का पत्ता अपने पास रख लें.
* सोमवार को घर से निकलते वक्त आइने में अपना चेहरा देख लें.
* मंगलवार को कोई मिठाई खाकर घर से निकलें.
* बुधवार को बाहर निकलते समय हरे धनिये के पत्ते को खाकर निकलना शुभ होता है.
* गुरूवार को घर से जाते समय सरसों के कुछ दाने को मुंह में डाल लें.
* शुक्रवार को दही खाकर निकलने से सबकुछ सही रहेगा.
* शनिवार को अदरक और घी खाकर जाना आपको शुभ फल देता है
Photo: धन-सम्पत्ति और सुख-समृद्धि के लिए 11 आसान उपाय ======================================== अगर आप धन-सम्पत्ति, सुख समृद्धि और जीवन में कामयाबी चाहते हैं तो इन आसान उपायों को अपनाएं. 1. अगर घर में बहुत कमाई के बाद भी पैसा नहीं टिक रहा हो तो हर शनिवार काले कुत्ते को सरसों तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं. घर में पैसे की कोई कमी नहीं रहेगी. 2॰ अगर किसी जरूरी काम में कामयाबी चाहते हैं तो एक नींबू के ऊपर 4 लौंग गाड़ दें और ॐ श्री हनुमते नम: मंत्र का 21 बार जाप कर उस नींबू को अपने साथ ले कर जाएं. आपका काम बन जाएगा. 3॰ अगर नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल रहा है. आपके बॉस आपसे खुश नहीं हैं तो हर रोज चिड़ियों के सामने 7 तरह का अनाज डालें. इसे आप पार्क या छत पर चिड़ियों को खाने के लिए डाल सकते हैं. 4॰ अगर कोई काम कई दिनों से रुका पड़ा है, नहीं हो रहा है तो गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की लौंग और सुपारी से पूजा करिए. जब कभी भी काम पर जाना हो, एक लौंग और सुपारी अपने पास रख लिया करें. काम के समय लौंग को अपने मुंह में रख लें और उसे चूसें. इस दौरान 'जय गणेश काटो कलेश' का जाप करते रहें. घर आने पर सुपारी को वापस गणेशजी के फोटो के सामने रख दें. एक बात ध्यान रखें कि फोटो में गणेश जी सूंड़ दायीं ओर मुड़ी हुई होनी चाहिए. 5॰ अगर आपके ऊपर कोई कर्ज है और आप उसे वापस करने में असमर्थ हों तो मंगलवार को शिव मन्दिर में शिवलिंग पर मसूर की दाल चढ़ाते हुए ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय नम: मंत्र का जाप करें. 6॰ अगर घर में खर्च कम होने का नाम नहीं ले रहा हो तो हाथ में काला तिल लेकर इसे घर के सभी लोगों के सिर के ऊपर उसार कर उसे घर के उत्तर दिशा में फेंक दीजिए. 7॰ घर में सुख-समृद्धि के लिए पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मोली बांधकर उसके ऊपर जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दीजिए. 8॰ अगर आप घर से अनिष्ट को दूर करना चाहते है, धन का लाभ चाहते हैं तो कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती कीजिए. 9॰ धन लाभ का एक टोटका यह है कि आप घर में लक्ष्मी मां के फोटो के सामने नौ बत्तियों वाले घी का दीपक जलाए. 10. धन लाभ और सुख-समृद्धि के लिए लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी और दूध मिला कर पीपल के पेड़ की जड़ में डालिए. 11॰ अगर आप किसी काम के लिए बाहर जा रहे हो तो दिन के हिसाब से इन टोटकों को अपनाएं. आपका काम बन जाएगा. * रविवार को घर से निकलने से पहले पान का पत्ता अपने पास रख लें. * सोमवार को घर से निकलते वक्त आइने में अपना चेहरा देख लें. * मंगलवार को कोई मिठाई खाकर घर से निकलें. * बुधवार को बाहर निकलते समय हरे धनिये के पत्ते को खाकर निकलना शुभ होता है. * गुरूवार को घर से जाते समय सरसों के कुछ दाने को मुंह में डाल लें. * शुक्रवार को दही खाकर निकलने से सबकुछ सही रहेगा. * शनिवार को अदरक और घी खाकर जाना आपको शुभ फल देता है

** होरा शास्त्र कार्य सिद्धि का अचूक शास्त्रीय माध्यम है*****


आज हम आपको बताएंगे की कैसे काम करता है ये
और आप घर बैठे ही अपने हर कार्य को कैसे शुभ
होरा, शुभमुहूर्त में प्रारंभ करें।
किसी भी व्यक्ति को विशेष कार्य
की शुरुआत करनी हो तो वो उसे विशेष
मुहूर्त मे ही काम करना चाहता है.ज्योतिष शास्त्र मे
होरा चक्र का निर्माण किया गया है जिसे आप स्वयं देख कर
किसी भी कार्य की शुरुआत कर
सकते है जिससे आप का कार्य सफल
हो जायेकभी कभी बहुत
ज़रूरी होने पर हम पंडितजी के पास
नही जा पाते या कोई अन्य काम पड़ जाता हैं जिससे
हम समय पर काम करने का सही व उचित समय
नही जान पाते, इन सभी परेशानियो को ध्यान
में रखकर ज्योतिषशास्त्र में होरा चक्र का निर्माण किया गया,जिससे
आप किसी भी दिन स्वयं होरा देखकर कोई
भी काम कर सकते हैं |
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार एक होरा (दिन-रात)में २४ होराएँ
होती हैं जिन्हें हम २४ घंटो के रूप में जानते हैं
जिसके आधार पर हर एक घंटे की एक
होरा होती हैं
जो किसी ना किसी ग्रह
की मानी जाती हैं|प्रत्येक वार
की प्रथम होरा उस ग्रह
की होती हैं जिसका वो वार होता हैं जैसे
यदि रविवार हैं तो पहली होरा सूर्य
की ही होगी
होराओ का क्रम- प्रत्येक ग्रह
की पृथ्वी से जो दुरी हैं उस
हिसाब से ही होरा चक्र बनाया गया हैं आईये देखते
हैं की होरा कैसे
देखी जातीं हैं|मान लेते हैं
की हमें रविवार के दिन
किसी भी ग्रह
की होरा देखनी हो तो हम उसे इस प्रकार
से देखेंगे|
पहली होरा -सूर्य ग्रह
की होगी
दूसरी होरा -शुक्र ग्रह
की होगी
तीसरी होरा -बुध ग्रह
की होगी
चौथी होरा-चंद्र ग्रह
की होगी
पांचवी होरा -शनि ग्रह
की होगी
छठी होरा -गुरु ग्रह
की होगी
सातवी होरा -मंगल ग्रह
की होगी
आठवी होरा फ़िर से सूर्य
की ही होगी तथा यह
क्रमश: ऐसे ही चलता रहेगा इस प्रकार
जो भी वार हो उसी वार
की होरा से आगे
की होरा निकाली जा सकती हैं
तथा अपने महत्वपूर्ण कार्य किए जा सकते हैं|
विभिन्न ग्रहों की होरा में कुछ निश्चित कार्य किए जाए
तो सफलता निश्चित ही प्राप्त होती हैं |
सूर्य की होरा
सरकारी नौकरी ज्वाइन करना,चार्ज लेना और
देना,अधिकारी से मिलना,टेंडर भरना व मानिक रत्न धारण
करना|
चंद्र की होरा
यह होरा सभी कार्यो हेतु शुभ
मानी जाती हैं |
मंगल की होरा
पुलिस व न्यायालयों से सम्बंधित कार्य व नौकरी ज्वाइन
करना, जुआ सट्टा लगाना,क़र्ज़ देना, सभा समितियो में भाग लेना,मूंगा एवं
लहसुनिया रत्न धारण करना|
बुध की होरा
नया व्यापार शुरू करना,लेखन व प्रकाशन कार्य करना,प्रार्थना पत्र
देना,विद्या शुरू करना,कोष संग्रह करना,पन्ना रत्न धारण करना |
गुरु की होरा
बड़े अधिकारियो से मिलना,शिक्षा विभाग में जाना व शिक्षक से
मिलना,विवाह सम्बन्धी कार्य करना,पुखराज रत्न धारण
करना |
शुक्र की होरा
नए वस्त्र पहनना,आभूषण खरीदना व धारण
करना,फिल्मो से सम्बंधित कार्य करना ,मॉडलिंग
करना,यात्रा करना,हीरा व ओपल रत्न पहनना|
शनि की होरा
मकान की नींव खोदना व खुदवाना,कारखाना
शुरू करना,वाहन व भूमि खरीदना,नीलम व
गोमेद रत्न धारण करना|
इस प्रकार ग्रह की होरा में कार्य सफलता हेतु किए
जा सकते हैं |

तुलसी के तंत्रिकीय और औषधीय उपयोग ==



[१] तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से शीघ्र वीर्य पतन अथवा वीर्य की कमी की समस्या दूर होती है |

[२] तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।

[३] मासिक धर्म में अनियमियता:: जिस दिन मासिक आए उस दिन से जब तक मासिक रहे उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी या दूध के साथ लेने से मासिक की समस्या ठीक होती है और जिन महिलाओ को गर्भधारण में समस्या है वो भी ठीक होती है

[४] तुलसी के पत्ते गर्म तासीर के होते है पर सब्जा शीतल होता है . इसे फालूदा में इस्तेमाल किया जाता है . इसे भिगाने से यह जेली की तरह फुल जाता है . इसे हम दूध या लस्सी के साथ थोड़ी देशी गुलाब की पंखुड़ियां दाल कर ले तो गर्मी में बहुत ठंडक देता है .इसके अलावा यह पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी को भी दूर करता है .यह पित्त घटाता है ये त्रीदोषनाशक , क्षुधावर्धक है
[५] प्रतिदिन चार पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह,रक्त विकार ,वाट-पित्त दोष आदि दूर होते हैं |
[६] तुलसी के समीप आसन लगाकर कुछ दिन बैठने से श्वास के रोग ,अस्थमा आदि से जल्दी छुटकारा मिल सकता है |
[७] तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है |
[८] वास्तु दोष दूर करने के लिए तुलसी के पौधे अग्नि कोण अर्थात दक्षिण पूर्व से लेकर वायव्य अर्थात उत्तर-पश्चिम तक के खली स्थान में लगा सकते हैं ,अथवा गमले में रख सकते हैं |
[९] पूर्व दिशा की खिड़की के पास रखने से जिद्दी पुत्र का हठ दूर होता है |
[१०] पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे में से तीन पत्ते कुछ दिन खिलाने से अनियंत्रित संतान आज्ञानुसार व्यवहार कर सकती है |
[११] अग्नि कोण में स्थापित तुलसी के पौधे को कन्या अगर नित्य अगर जल अर्पित कर प्रदक्षिणा करे तो उसके विवाह की बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र उत्तम विवाह की संभावनाएं बनती हैं |
[१२] दक्षिण -पश्चिम में रखे तुलसी के गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करने और मिठाई का भोग लगा किसी सुहागिन स्त्री को मीठी वस्तु देने से व्यवसाय की सफ़लता बढती है और कारोबार ठीक होता है |
[१३] पंचामृत में तुलसी मिलाकर शालिग्राम का अभिषेक करने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं|
[१४] तुलसी के १६ बीज किसी सफ़ेद कपडे में बांधकर सोमवार को कार्यस्थल पर सुबह दबा देने से वहां सम्मान की वृद्धि होती है और अधिकारियों की अनुकूलता प्राप्त होती है |
[१५] ८ तुलसी के पत्ते और ८ काली मिर्च की पोटली बनाकर बांह में बाँधने से भूत-प्रेत आदि की समस्या दूर होती है |

हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!



सहज सुलभ उपाय ....
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता....

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।

पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार।

इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।

* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें । ......

तो अब समझ आया, भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप क्यों बनाया..

असाधारण विष कन्या योग / A Rare VISH KANYA Yoga



(चित्रा नक्षत्र व तिथि से सम्बन्धित)

चित्रासु चित्रभरणा सुरुपा चतुर्दशीमेकतमां हि हित्वा।
तस्यां च कृष्णे विषकन्यका स्याच्छुकले द्ररिद्रा त्वथ बन्ध्की च॥

चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाली कन्या अच्छे वस्त्राभूष्णों से प्रेम करने वाली व सुन्दर होती है।

यदि चित्रा नक्षत्र व कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में जन्म हो तो वह स्त्री विषकन्या होती है।

यदि चित्रा नक्षत्र व शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि में जन्म हो तो वह स्त्री द्ररिद्र व बांझ होती है।

आशय यह कि चित्रा नक्षत्र व चतुर्दशी तिथि का योग स्त्री जन्म के समय अशुभ होता है। चित्रा नक्षत्र का अन्य तिथियों के साथ योग शुभ्फलप्रद है।

नक्षत्र, व पंचतत्व सम्बन्ध :-



Nakshtra / Constellations, Five Elements and Their Relationship

1. धनिष्ठा रोहिणी ज्येष्ठाSनुराधा श्रवणं तथा।
अभिजिदुत्तराषाढा पृथ्वीतत्त्वमुदाहृतम्।।

अर्थात – धनिष्ठा, रोहिणी, ज्येष्ठा, अनुराधा, श्रवण, अभिजित् और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों का सम्बन्ध पृथ्वी तत्त्व से है।

English Version –. Dhanishtha, Rohini, Jyeshtha, Anuradha,
Shravana, Abhijit and Uttarasharha are related to Prithivi Tattva / Earth Element.

2. पूर्वाषाढा तथा श्लेषा मूलमार्द्रा च रेवती।
उत्तराभाद्रपदा तोयं तत्त्वं शतभिषक्प्रिये।।

अर्थात – हे प्रिये, पूर्वाषाढा, श्लेषा, मूल, आर्द्रा, रेवती, उत्तराभाद्रपद और शतभिषा नक्षत्र जल तत्त्व से सम्बन्धित हैं।

English Version –O Dear, Purvasharha, Shlesha, Mula, Ardra, Revati, Uttarabhadrapad and Shatabhisha are related to Jala Tattva.

3. भरणी कृत्तिकापुष्यौ मघा पूर्वा च फाल्गुनी।
पूर्वाभाद्रपदा स्वाती तेजस्तत्त्वमितिप्रिये।।

अर्थात – हे प्रिये, भरणी, कृत्तिका, पुष्य, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाभाद्रपद और स्वाति नक्षत्रों का अग्नि तत्त्व से सम्बन्ध है।

English Version – O Dear, similarly Bharani, Krittika, Pushya, Magha,
Purvaphalguni, Purvabhadrapada and Svati are related to Agni Tattva.

4. विषाखोत्तरफाल्गुन्यौ हस्तचित्रे पुनर्वसुः।
अश्विनी मृगशीर्ष च वायुतत्त्वमुदाहृतम्।।

अर्थात – विषाखा, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, पुनर्वसु, अश्विनी और मृगशिरा नक्षत्रों का सम्बन्ध वायु तत्त्व से है।

English Version – Vishakha, Uttaraphalguni, Hast, Chitra, Punarvasu, Ashvini
and Mrigashira are related to Vayu Tattva.

आकाश तत्व व नक्षत्रों के विषय में अलग से नहीं लिखा है क्यों कि प्राकृतिक रुप से सभी नक्षत्र आकाश में ही विराजमान अतः इस प्रकार आकाश तत्व का सम्बन्ध सभी नक्षत्रों से है।

Nakshatra relating to Aakash Tattva / Either or Space Element are not mentioned separately because all Nakshatras exist in the sky only and thus, they all have relationship with Aakaash Tatva / Either or Space Element
Astrologier Satish Shukla - Astrologer